तमकुहीराज/ कुशीनगर
कुशीनगर: जनपद के तमकुहीराज थाना क्षेत्र अंतर्गत गाजीपुर भरपटिया में नाबालिग के साथ दुष्कर्म की वारदात सामने आई है। आरोपी, जो पीड़िता को शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था, ने सुनसान जगह पर जबरन दुष्कर्म कर उसे अचेत अवस्था में छोड़कर फरार हो गया। जब पीड़िता किसी तरह घर पहुंची और परिजनों को घटना की जानकारी दी, तो उन्होंने न्याय के लिए पुलिस से गुहार लगाई। लेकिन पुलिस की लापरवाही और थानों के बीच मामले को टालने की वजह से पीड़िता को अब तक न्याय नहीं मिल सका है।
थानों के चक्कर काटने को मजबूर पीड़िता का परिवार
दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता के परिजनों ने थाना विशुनपुरा में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन वहां पुलिस ने यह कहते हुए मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया कि घटना का क्षेत्र तमकुहीराज थाना के अंतर्गत आता है। जब परिजन तमकुहीराज थाना पहुंचे, तो वहां भी पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार करते हुए कहा कि यह तरयासुजान थाना क्षेत्र का मामला है।परिजनों को इंसाफ मिलने की बजाय अब तक सिर्फ पुलिसिया टालमटोल और बहानेबाजी का सामना करना पड़ा है। थाने से थाने भटकने के बावजूद अभी तक कोई भी थाना पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज करने को तैयार नहीं है, जिससे परिवार बेहद आहत और नाराज है।
घटना का पूरा विवरण
परिजनों के अनुसार, पीड़िता 18 मार्च 2025 को अपनी बहन के घर गई थी, जहां पहले से घात लगाए बैठे आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर अपने साथ भगा ले गया। आरोपी ने सुनसान जगह पर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया और उसे अचेत अवस्था में छोड़कर भाग गया। किसी तरह होश में आने के बाद पीड़िता घर पहुंची और पूरी घटना बताई, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई।
परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश
पीड़िता को इंसाफ न मिलने पर परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वे प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
पुलिस की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
जब इस मामले में पुलिस अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने औपचारिक बयान देते हुए कहा कि “जांच जारी है और उचित कार्रवाई की जाएगी।” लेकिन परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती, तो आरोपी अब तक सलाखों के पीछे होता।
कब मिलेगा पीड़िता को न्याय?
एक तरफ सरकार “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा देती है, वहीं दूसरी तरफ पीड़िता और उसके परिजन न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। पुलिस की निष्क्रियता ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्रशासन सच में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है?
अब देखना यह होगा कि पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए आरोपी को गिरफ्तार करती है या नहीं अब सबकी निगाहे पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हुई है।