कुशीनगर
ट्रेडिशनल फार्मिंग के स्थान पर इंटीग्रेटेड फार्मिंग एवं आधुनिक फार्मिंग करने के हैं ढेर सारे लाभ:- डीएम
मॉडल फॉर्म्स का कॉन्सेप्ट किसानों के बीच करें विकसित:- डीएम
जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान पीएम किसान के लाभार्थियों का EKYC स्टेटस , आधार प्रमाणीकरण , प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत क्लेम हेतु अवशेष किसानों की कुल संख्या, सीएम डैशबोर्ड, आइजीआरएस, कृषि रक्षा रसायन उर्वरक , खाद आदि की उपलब्धता, पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या, एग्री स्टैक के अंतर्गत फीड गाटा की संख्या, कृषि निवेश व्यवस्था किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत नए प्राप्त लक्ष्य तथा कृषि यंत्रीकरण के बारे में पूछताछ की गई।
पृच्छा के क्रम में उप कृषि निदेशक ने बताया कि जनपद में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत कुल फीड किए गए किसानों की संख्या 674697 है, लाभान्वित किसानों की संख्या 666152 है, अपात्र किसानों को संख्या 8548 है। EKYC तथा आधार प्रमाणीकरण हेतु अवशेष किसानों की संख्या 115092 है। जिसपर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि ब्लॉकवार ग्रामों में कैंपों का आयोजन करें तथा अवशेष किसानों को भी ई KYC कर उन्हें शीघ्रतम लाभ पहुंचाए। रबी फसल 2024 -25 बीमा के अंतर्गत 87300 कृषक बीमित सम्मिलित हुए है।
जिलाधिकारी ने उप कृषि निदेशक को निर्देशित किया किसानों के लिए ब्लॉकवार मॉडल फॉर्म्स बनाए तथा उन्हें इसी आधार पर खेती करने के लिए जागरूक करें। किसानों को केवल बैठकों में आधुनिक खेती के बारे में बताए ही नहीं अपितु किसानों को बेहतर कृषि करके स्वयं उन्हें दिखाए। कलेक्ट्रेट परिसर के आसपास 01 हे० भूमि में पारंपरिक खेती के स्थान पर एकीकृत समाकलित खेती कराकर कम भूमि से अधिक आय प्राप्त कर किसानों के लिए एक नज़ीर पेश करें कि किसप्रकार अगर किसी किसान की भूमि कम है फिर भी वह ट्रेडीशनल फार्मिंग के स्थान पर इंटीग्रेटेड फार्मिंग करके अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकता है। एकीकृत या इंटीग्रेटेड फार्मिंग के अंतर्गत 1 एकड़ या 01 हेक्टेयर भूमि कृषि विभाग प्राप्त करें उसमे त्रि स्तरीय मत्स्य पालन, मशरूम, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी , अतः फ़सली के तौर पर पैदावार करके साथ साथ किसानों को एक नज़ीर प्रस्तुत करें की कैसे हम कम से कम भूमि होते हुए भी ज्यादा से ज्यादा खेती कर, आधुनिक खेती और यंत्रीकरण की सहायता से आय में बढ़ोतरी कर सकते है। मॉडल फॉर्म्स का कांसेप्ट किसानों के बीच विकसित करें।उन्होंने कहा कि जनपद में कार्यरत सभी एफपीओ कृषि उत्पादक संगठन के कार्यों का पीपीटी के रूप में अगली बैठक में प्रस्तुत करें। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसी भी किसान का क्लेम अवशेष नहीं रहना चाहिए साथ ही पीएम कृषि योजना के अंतर्गत लगाए जाने वाले सोलर पंप का रेट भी मार्केट से मिलान करलें।
बैठक में मुख्य विकास सिद्धांत अधिकारी गुंजन द्विवेदी कृषि उपनिदेशक आशीष कुमार जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर मेनका भूमि संरक्षण अधिकारी , कृषि विभाग के अन्य कर्मचारी एवं अधिकारी उपस्थित रहे।