चार मासूमों की जान लेने वाले अभियुक्तों को सजा-ए-उम्र कैद

 

जहरीली टाॅफी कांड में दोषी पाये गये तीन अभियुक्त

 

 जिला एंव सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया फैसला, दोषियों को कारावास के साथ 25-25 हजार का अर्थ दंड

 

कुशीनगर। जहरीली टाफी से चार मासूम बच्चो की जान लेने वाले तीन आरोपियों को जिला एंव सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार शशि की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड से दण्डित किया है। तीनों अपराधी कुड़वा दिलीपनगर के निवासी है। घटना वर्ष 2022 के मार्च माह की है।

 

                फ्लैशबैक

 

गौरतलब है कि कसया थाना क्षेत्र के कुडवा दिलीपनगर के लठऊर टोला मे अनुसूचित जनजाति (लठऊर समाज) से ताल्लुक रखने वाले रसगुल्ला और प्रेम प्रसाद के बीच आपसी विवाद चल रहा था। 23 मार्च – 2022 को सिसई गुरम्हिया टोला निवासी प्रेम प्रसाद, बाला प्रसाद पुत्र गण जोगिन्दर उर्फ योगेन्द्र, चाबस पुत्र राजबली ने रसगुल्ला के दरवाजे पर सुबह टाॅफी मे जहर मिलाकर पालीथीन मे रखकर फेंक दी थी। रसगुल्ला के घर की महिला मुखिया देवी 23 मार्च – 2022 सुबह अपने घर के सामने झाडू लगा रही मुखिया देवी को एक पालीथिन मे पांच टाॅफी और नौ रुपये मिले। महिला ने उस पालीथिन से तीन टाफी अपने नातियो व एक टाफी वहा मौजूद अपने पडोसी के बच्चे को दे दिया। बच्चे टाफी खाकर जैसे ही बाहर खेलने के लिए कुछ दूर आगे बढे  लडखडाकर जमीन पर गिर पडे और तडफडाने लगे। उस समय गांव वाले एंबुलेंस को लगातार फोन करते रहे लेकिन मौके पर एंबुलेंस नही पहुचा।  परिजनों ने ग्रामीणों के सहयोग से चारो बच्चो  संजना,  स्वीटी, समर, आरुष को बाइक से लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्सकों ने इन चारो बच्चो को मृत घोषित कर दिया।

 

           इन बच्चों की हुई मौत

मृत बच्चों में रसगुल्ला की छह वर्षीय पुत्री संजना, तीन वर्षीय पुत्री स्वीटी, दो वर्षीय पुत्र समर और मायके आई रसगुल्ला की बहन खुशबू के एकलौते पांच वर्षीय पुत्र आरुष की मृत्यु हुई थी। मृत बच्चे अनुसूचित जनजाति लठ परिवार के हैं।

सीएम ने घटना को संज्ञान लिया था

जनपद में चार बच्‍चों की मौत के मामले में सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने जांच का आदेश दिया है। उन्‍होंने अधिकारियों से पीड़ित परिवार की तत्‍काल सहायता मुहैया कराने की बात दोहरायी है।

 

 

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