

दुदही/कुशीनगर
कुशीनगर जिले के दुदही ब्लॉक अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) दुदही में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। पश्चिमी चंपारण, बिहार निवासी अच्छेलाल राम ने आरोप लगाया है कि दुदही सीएचसी की महिला चिकित्सकों और आशा कार्यकर्ता की लापरवाही तथा रिश्वतखोरी के चलते उसके नवजात शिशु की मौत हो गई।
पीड़ित अच्छेलाल ने बताया कि उसकी पत्नी, जो दुदही ब्लॉक के बांसगांव जटवालिया गांव अपने मायके आई थी, इनको 14 जुलाई 2025 को प्रसव पीड़ा हुई। इसके बाद आशा कार्यकत्री द्वारा उसे दुदही सीएचसी में भर्ती कराया गया। वहां मौजूद महिला चिकित्सकों ने डिलीवरी कराने के लिए पहले पैसे की मांग की। जब पैसे नहीं दिए गए तो कथित रूप से करीब छह घंटे तक प्रसव की प्रक्रिया को टालते हुए एक इंजेक्शन दे दिया गया, जिसके बाद गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई।
स्थिति गंभीर होने पर महिला को रेफर कर दिया गया। बाद में परिजनों ने उसे दुदही स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां ऑपरेशन के बाद मृत बच्चे को बाहर निकाला गया। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे की मौत लगभग चार घंटे पहले ही हो चुकी थी।
पीड़ित पिता ने इस घटना के संबंध में जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को शिकायत पत्र देकर दुदही सीएचसी की महिला चिकित्सकों और आशा कार्यकत्री को दोषी ठहराते हुए तत्काल निलंबन और कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने यूपी सरकार के पोर्टल IGRS पर भी शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना न सिर्फ सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे गरीब मरीजों के साथ अस्पतालों में अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
इस संबंध में दुदही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ संदीप कुमार ने बताया कि मामला जानकारी में नहीं है शिकायत मिलने पर मामले की जांच कर कारवाई की जाएगी।

