

रेलवे ठेकेदार ने किया खेल मैदान पर कब्जा
ठेकेदार का दावा, प्रधानाचार्य ने 10 हजार प्रति माह किराये पर दिया है खेल मैदान
कुशीनगर। प्रधानाचार्य के मन-मर्जी से जनपद के कप्तानगंज स्थित कनोडिया इंटरमीडिएट कालेज के खेल मैदान पर रेलवे के ठेकेदार द्वारा अवैध कब्जा किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। ठेकेदार के चौकीदार का कहना है कि विद्यालय के प्रधानाचार्य ने ठेकेदार को जमीन का उपयोग करने की अनुमति दी है। इधर ठेकेदार का दावा है कि वह इस जमीन को प्रधानाचार्य जितेन्द्र तिवारी से दस हजार रुपये प्रति माह किराये पर लिया है जब विद्यालय प्रबंधन द्वारा इसे अवैध करार दिया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है किसके अनुमति से प्रधानाचार्य ने खेल मैदान को किराये पर दिया है? जबकि प्रबंधक, ठेकेदार और प्रधानाचार्य के जुगलबंदी करार से खुद को अनभिज्ञ बताते हुए अवैध करार दे रहे है।
बतादे कि विद्यालय का खेल मैदान बच्चो के खेलने के लिए होता है इस पर किसी प्रकार का अतिक्रमण व कब्जा नही किया जा सकता है। ऐसे मे रेलवे ठेकेदार द्वारा विद्यालय के खेल मैदान पर अवैध कब्जा करना या फिर किराये पर लेना नियम विरुद्ध है। जानकारों की माने तो विद्यालय का खेल मैदान पर बाहरी लोगो का कब्जा या फिर विद्यालय परिसर में बाहरी लोगो के आवागमन से बच्चो के सुरक्षा पर सवाल खडे होते है।

कौन सच्चा कौन झूठा
जैसा कि रेलवे ठेकेदार का दावा कि दस हजार रुपये प्रति माह के दर से तीन महीने के लिए विद्यालय का खेल मैदान किराये पर लिया है और इसकी सहमति खुद विद्यालय के प्रधानाचार्य ने दी है। ठेकेदार के मुताबिक पहली बार दस हजार रुपये व दुसरी बार पांच हजार रुपये ऋषिकेश कुमार दूबे के खाते ट्रांसफर किया गया है। इधर प्रधानाचार्य जितेन्द्र तिवारी का कहना है कि मामले की सूचना थाने को दी गई है जबकि थानाध्यक्ष कहना कहना है कि प्रधानाचार्य की ओर से कोई तहरीर नही दी गयी है। ऐसे मे कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
ठेकेदार-प्रधानाचार्य की डील को प्रबंधक ने दिया अवैध करार
विद्यालय प्रबंधक ने रेलवे ठेकेदार द्वारा प्रधानाचार्य से किराये पर लिए गये खेल मैदान को अवैध करार दिया है। उन्होने कहा खेल मैदान बच्चो के खेलने के लिए होता इस पर किसी तरह का कब्जा अवैध है। इस मामले मे कार्रवाई के लिए विभाग को सूचना दी गई है।

बच्चो के सुरक्षा पर सवाल पढाई बाधित
अभिभावको का कहना है कि विद्यालय के खेल मैदान व परिसर मे बाहरी लोगो के आने-जाने से स्कूली बच्चों के सुरक्षा पर न सिर्फ सवाल उठ रहा है बल्कि पढाई के दौरान व्यवसायिक कार्य से बच्चो का पठन-पाठ बाधित हो रहा है। अभिभावको ने आक्रोश व्यक्त करते हुए विद्यालय के प्रबंधक व विभागीय अधिकारियों से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।