

तमकुही राज कुशीनगर जनपद अंतर्गत तमकुही राज तहसील के ग्राम गड़िया चिंतामन मेरा परिवार को उसे समय सब अचंभित रह गए जब बरसों से विवादित मस्जिद और ईदगाह को मुस्लिम पक्ष ने खुद ही तोड़ना शुरू कर दिया हथौड़े की आवाज में सुनकर लोग यह समझ बैठे कि शायद प्रशासन ने आखिरकार कार्यवाही शुरू कर दी है लेकिन कुछ ही देर में साफ हुआ कि बिना किसी सरकारी मशीनरी के मस्जिद और ईदगाह को कब्जा धारकों ने खुद गिराना शुरू कर दिया है तहसीलदार न्यायालय ने पहले ही इस भूमि को अवैध कब्जा मानते हुए वेदकली का आदेश पारित किया था मुस्लिम पक्ष ने एडीएम न्यायालय में अपील दायर की लेकिन वह अभी स्पष्ट रूप से खारिज हो गई इसके बाद मामला प्रयागराज हाईकोर्ट पहुंचा जहां से न्यायालय ने स्पष्ट रूप से निर्देशित दिया कि छह माह के भीतर निर्णय दिया जाए। एटीएम ने इस आदेश के अनुपालन में मुस्लिम पक्ष की अपील को खारिज करते हुए बेदखली आदेश को बरकरार रखा इस तरह 33 अस्तर की न्यायिक पुष्टि के बावजूद तहसील और जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की शनिवार को शिकायतकर्ता अरविंद किशोर शाही ने यूपी जिला अधिकारी को ज्ञापन सौपा इस ज्ञापन में उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द अभिक्रमण नहीं हटाया गया तो वह जन आंदोलन और धरने पर बैठने को मजबूर होंगे यह चेतावनी प्रशासन के लिए भले ही सामान्य रही हो लेकिन मुस्लिम पक्ष के लिए यह बुलडोजर की आहट बन गई प्रशासन की ओर से ना तो जेसीबी आई एन पुलिस बल न हीं कोई अधिसूचना लेकिन जैसे ही रविवार की सुबह मस्जिद और ईदगाह की दीवारों पर खुद लोगों ने हथौड़ा चलाना शुरु किया गांव में हड़कंप मच गया योगी सरकार की बुलडोजर नीति अब कार्रवाई से पहले ही असर दिखने लगी है और यह पहली बार है जब अवैध निर्माण खुद ही ढहाया गया प्रशासन की मौजूदगी के बिना शिकायतकर्ता अरविंद किशोर शाही ने कहां की यह सिर्फ मेरी कानूनी लड़ाई नहीं थी बल्कि पूरे गांव और न्याय व्यवस्था की जीत है लेकिन सवाल यह है कि जब प्रशासन के पास सभी आदेश मौजूद थे तो उसने कार्रवाई क्यों नहीं की क्या प्रशासन किसी दबाव में था क्या यह जानबूझकर की गई देरी थी जब अदालत और एडम स्तर पर आदेश आ चुका था तो कार्रवाई करने में क्या बड़ा थी इन सवालों के जवाब ना तो प्रशासन दे पा रहा है और नहीं जमीनी स्तर पर कोई अधिकारी सामने आ रहा है गांव वालों का कहना है कि यह जनदबाव और बुलडोजर की धमक का परिणाम है ग्रामीणों का कहना है कि जब सरकार बुलडोजर चला सकती है तो प्रशासन ने खुद क्यों नहीं अधिकार मां हटाए आज मस्जिद खुद गिर रही है कल जनता का भरोसा तंत्र पर भी टूट सकता है गड़हिया मस्जिद प्रकरण सिर्फ एक अधिकरण हटाने की कार्रवाई नहीं रही यह एक उदाहरण बन गया है कि जब प्रशासन नाकाम हो जाए तो न्याय और जन दबाव कैसे अपनी राह बना लेता है मस्जिद ढही ईदगाह टूटी पर उससे बड़ी बात यह है कि प्रशासन की छुपी और निष्क्रियता हमेशा के लिए उजागर हो गई यह सिर्फ बुलडोजर की आहट नहीं थी यह कानून की आवाज थी और उसे आवाज किस दीवारों नहीं सत्ता की नींद टूटी है।
