

कुशीनगर/तमकुहीराज
तमकुहीराज /कुशीनगर। उत्तर प्रदेश का अन्यदाता किसान अपने-अपनी फसलों की सुरक्षा को लेकर परेशान है। खेती करने में अपनी गाड़ी कमाई को लगाकर फसल पैदा करने के बाद फसलों की सुरक्षा उसकी समस्या बन। गयी है। रात्रि में खेत की रखवाली दिन में खेत की फसलों का प्रबंध में सारा जीवन समाप्त हो रहा है। बड़े पैमाने पर क्षेत्र में नील गायों का झुंड रात में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं जिससे किसान परेशान और बेहाल है । किसान धान की फसल का बेहन डालने के बाद खेत की रोपाई के लिए अपनी गाड़ी कमाई को लगाकर परिवार के जीविका पार्जन के लिए अन्य उप जाने में लगा हुआ है।
बरसात नहीं होने के कारण किसान अपने धान की रोपाई पंपिंग सेट के माध्यम से कर रहा है इसी बीच में जंगली जानवरों नीलगायों का झुंड गन्ना और धान की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने में अमादा है। वहीं वन विभाग की जिम्मेदार अधिकारी कानों में तेल डालकर सो रहे हैं उनको किसानों की खेती से कोई मतलब नहीं है किसान मर जाए या किसान परेशान हो कृषि क्षेत्र में उसके द्वारा की गई गाड़ी कमाई का खुल्लम-खुल्ला जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचा जा रही हो, इससे वन विभाग के अधिकारियों को कुछ लेना-देना नहीं है।
उत्तर प्रदेश सरकार नील गायों की हत्या पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाई है जिससे बेजुबान जानवरों के जीवन की रक्षा तो हो रही है परंतु इनके पैदावार भी बढ़ते जा रहे हैं जानवरों को जीने और खाने के लिए हरे चारे की आवश्यकता है जिसके लिए वह किसानों की का गाड़ी कमाई पर डंका डाल रहे हैं। नीलगायोंं से फसलों को बचाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को आगे आना चाहिए इसके लिए कानून सख्त बनाने की जरूरत है किसान बेहाल और परेशान हो चुका है। सोमवार के दिन जागरूक समाजसेवी एवं किसानों ने तमकुही राज तहसील मुख्यालय पहुंचकर उप जिलाधिकारी सुश्री आकांक्षा मिश्रा को ज्ञापन देकर नीलगायों से फसलों की सुरक्षा की मांग करते हुए वन विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है तथा मांग किया है कि तत्काल कोई ठोस प्रबंध करके नीलगायों से फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। कोईन्दी बरियारपुर निवासी ओजस्वी मिश्रा तथा अन्य लोगों के द्वारा उप जिलाधिकारी को ज्ञापन देने के बाद युक्त जानकारी दी गई तथा क्षेत्रीय समस्याओं को उठाया गया।
