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बिहार धर्म-परिवर्तन के आरोपों पर प्रशासन सख्त—दो व्यक्तियों की भूमिका जांच के घेरे में
मधुबनी जिले के पश्चिम चंपारण सीमा से सटे गोरखैया टोला में संचालित Glory of God Palace Society को लेकर बड़ा प्रशासनिक तूफ़ान खड़ा हो गया है। पंचायत स्तर पर उठे सवाल अब अनुमंडल कार्यालय और अंचल प्रशासन तक पहुँच गए हैं, और जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। ग्रामीणों द्वारा उठाई गई शिकायतों ने स्थानीय प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है।
जांच रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत खोहड़वा और उसके आसपास के गांवों में न तो किसी प्रकार की ईसाई आबादी है, न चर्च, न ही किसी धार्मिक संस्था का कोई आधिकारिक अस्तित्व। इस क्षेत्र में अचानक “प्रार्थना सभा” और “उपचार कार्यक्रम” जैसे आयोजनों ने ग्रामीणों के मन में संदेह पैदा किया। शिकायतों में आरोप लगाया गया कि बीमारी, गरीबी और अशिक्षा से जूझ रहे लोगों को “दवा–दुआ” के नाम पर प्रभावित किया जा रहा था।
इसी कड़ी में जांच टीम ने पाया कि संस्था से जुड़े दो व्यक्तियों बेयरराज राम पिता स्व. बिहारी राम और मुनना राम पिता नचकट्टे राम द्वारा गांव में लगातार धार्मिक सभाएँ आयोजित की जा रही थीं। ग्रामीणों का कहना है कि ये सभाएँ किसी सामाजिक कल्याण कार्यक्रम से अधिक “लोगों को अपने प्रभाव में लेने” की कोशिश जैसी लगती थीं। प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए दोनों व्यक्तियों की गतिविधियों को संदिग्ध श्रेणी में रखा है।
सबसे बड़ा खुलासा उस समय हुआ जब दस्तावेज़ों से पता चला कि संस्था के नाम पर खरीदी गई करीब 15 लाख रुपये की जमीन बेयरराज राम द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर दर्ज कराई गई है। इससे प्रशासन में वित्तीय अनियमितताओं का संदेह और गहरा गया। जांच में यह भी पाया गया कि संस्था किसी भी सरकारी विभाग से अनुमोदित नहीं है, न ही इसके पास स्वास्थ्य, शिक्षा या सामाजिक कार्यक्रमों के लिए कोई लाइसेंस है।
अंचल अधिकारी, मधुबनी ने साफ निर्देश दिया है कि —
“बिना मान्यता, बिना पंजीकरण और बिना अनुमति के किसी भी प्रकार की सभा, प्रार्थना, उपचार कार्यक्रम या धार्मिक गतिविधि तत्काल प्रभाव से बंद कराई जाए।”
रजिस्ट्रेशन विभाग को भी पत्र भेजकर संस्था के पंजीकरण, पात्रता और वित्तीय लेन-देन की गहराई से जांच कराने का आदेश दिया गया है।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले किसी भी प्रयास को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया और मांग की कि ऐसी संदिग्ध गतिविधियों पर सख्त निगरानी जारी रखी जाए।








