

दुदही/कुशीनगर
कुशीनगर जनपद के दुदही विकास खंड अंतर्गत ग्राम सभा जंगल घोरट निवासी बाबुनंद गुप्ता पुत्र नगीना गुप्ता बीते दो माह से न्याय और सहायता के लिए प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। 22 मई 2025 को बाबुनंद के घर में अचानक आग लग गई थी, जिससे उनके घर में रखा लाखों रुपये का सामान जलकर पूरी तरह राख हो गया। आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया, लेकिन इस हादसे ने बाबुनंद के पूरे परिवार को सड़क पर ला दिया।
कुशीनगर में पीड़ित परिवार खुले में रहने को मजबूर लेखपाल पर रिश्वत मांगने का आरोप
पीड़ित बाबुनंद गुप्ता का आरोप है कि हादसे के बाद जब उन्होंने राजस्व विभाग से मुआवजे के लिए संपर्क किया, तो लेखपाल द्वारा उनसे कथित रूप से रुपये की मांग की गई। मुआवजे की आस में पीड़ित ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजते हुए लेखपाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और तत्काल आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
इस संबंध में राजस्व निरीक्षक नेशार अहमद का बयान सामने आया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगलगी की घटना बाबुनंद की गैर-आवासीय झोपड़ी में हुई थी, जिससे मुआवजे की पात्रता नहीं बनती। निरीक्षक ने पीड़ित द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार एवं असत्य बताया है।
अब सवाल उठता है कि अगर आग गैर-आवासीय झोपड़ी में लगी थी, तो उसमें लाखों का नुकसान कैसे हुआ? और यदि नुकसान हुआ है तो क्या प्रशासनिक तंत्र को पीड़ित की मदद नहीं करनी चाहिए?
पीड़ित की हालत बद से बदतर होती जा रही है, वह आज भी खुले आसमान के नीचे जीवन बसर कर रहा है और मुआवजे की आस में अधिकारियों की चौखट पर दस्तक दे रहा है।



