

कुशीनगर जनपद में महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। दहेज प्रताड़ना, मारपीट और जान से मारने की धमकी के गंभीर आरोप लगाने वाली पीड़िता अब न्याय की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर है। थाना स्तर पर जब शिकायत को नजर अंदाज किया गया तो पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक कुशीनगर से लिखित शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पीड़िता का आरोप है कि उसकी शादी देवरिया जनपद के ग्राम डुमरी, थाना रामपुर कारखाना निवासी शमशाद अंसारी से तीन वर्ष पूर्व सामाजिक रीति-रिवाज से हुई थी। विवाह के बाद से ही पति शमशाद अंसारी, ससुर बदरुद्दीन उर्फ गाम्हा, सास नूरजहां खातून और देवर बादल उर्फ मोबिन अंसारी उस पर ₹5 लाख की अतिरिक्त दहेज लाने का दबाव बना रहे थे।
मांग पूरी न होने पर उसे आए दिन मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा। 12 जुलाई 2025 को पति ने उसे छत पर ले जाकर रस्सी से फांसी लगाकर मारने की कोशिश की, और जब उसने विरोध किया तो पूरे परिवार ने मिलकर उसकी बेरहमी से पिटाई की। पेट्रोल डालकर जलाने की धमकी भी दी गई। चिल्लाने पर मोहल्ले के लोग पहुंचे और उसकी जान बच सकी।
घटना की सूचना पर पीड़िता थाना विशुनपुरा पहुंचा, लेकिन वहां भी ससुराल पक्ष ने अभद्रता की और ₹5 लाख की मांग दोहराई गई। इसके बाद पीड़िता को मायके लाया गया और थाना विशुनपुरा में जाकर जीरो एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया और थाने से भगा दिया गया।
न्याय न मिलता देख पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक कुशीनगर को विस्तार से शिकायती प्रार्थना पत्र सौंपा और निष्पक्ष जांच की मांग की। हालांकि, शिकायत दिए एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन अब तक न तो केस दर्ज किया गया और न ही किसी आरोपी से पूछताछ की गई है। इससे आहत पीड़िता अब न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
