

कुशीनगर खनन विभाग दवा कर रहा है कि क्षेत्र में खनन नहीं हो रहा है। मगर क्षेत्र में खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है।क्षेत्र के लतवा चट्टी, खुदरा, नुनिया पट्टी, बसडिला, सलेमगढ़,हफुआ, मियां टोला,तरयालक्षीराम,हफुआ बलिराम, तिनफेडिया तमकुहीराज और तरयासुजान में कब रुकेगा खनन साहब
कुशीनगर खनन विभाग दवा कर रहा है कि क्षेत्र में खनन नहीं हो रहा है। मगर क्षेत्र में खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है।क्षेत्र के लतवा चट्टी, खुदरा, नुनिया पट्टी, बसडिला, सलेमगढ़,हफुआ, मियां टोला,तरयालक्षीराम,हफुआ बलिराम, तिनफेडिया के आसपास इलाकों में ट्रेक्टर और जेसीबी से खनन सरेआम किया जा रहा है। और खनन विभाग केवल हाथ पर हाथ रखे खानापूर्ति करने में लगा हुआ है। जानकार बताते हैं कि कुछ बिचौलियों द्वारा खनन विभाग को माइनेज करके धडल्ले से खनन ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है। सरकार की मंशा को जिम्मेदारों के साथ खनन करने वाले लोंगों द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही है। मगर जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं।विभाग द्वारा कभी कभार कारवाई कर अपनी पीठ थपथपा ली जाती है। लेकिन जो धरातल पर चल रहा है वह किसी से छिपा नहीं है।अभी बीते माह तिनफेडिया में खनन विभाग द्वारा की गई कार्रवाई पर लोगों ने सवाल खड़ा किया था।मगर कार्रवाई में भेदभाव की चर्चा आम हो गई बहरहाल जो भी हो आज कल खनन अपने रफ्तार में है। और साहब लोग मूकदर्शक बने हुए हैं। जिसका कारण है कि सरकार के सख्ती के बाद भी दिन के उजाले में खनन सरेआम हो रहा है।जानकार तो यह भी बताते हैं कि खनन में चल रहे ट्रेक्टर ट्राली के पास कोई वैध कागजात नहीं है। और साथ ही चालक बिना लाइसेंस के ड्राइविंग कर सड़कों पर फरटा से दौड़ रहे हैं।काश: विभाग एक बार जिम्मेदारी पूर्वक कारवाई करता तो खनन करने वालों पर विराम लगता लेकिन जिम्मेदार क्यों मौन धारण किए हैं। यह समझ से परे है। जिलाधिकारी कुशीनगर के सख्ती के बाद भी कुछ अधिकार अपनी मनमानी करने में लगे हुए हैं
एक नजर DM साहब इधर भी ….👁️👁️
पड़ताल वह टीवी नहीं बंजारवा सी सरिया गाजीपुर समोर गंभीरपुर परसौनी के आसपास इलाकों में ट्रेक्टर और जेसीबी से खनन सरेआम किया जा रहा है। और खनन विभाग केवल हाथ पर हाथ रखे खानापूर्ति करने में लगा हुआ है। जानकार बताते हैं कि कुछ बिचौलियों द्वारा खनन विभाग को माइनेज करके धडल्ले से खनन ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है। सरकार की मंशा को जिम्मेदारों के साथ खनन करने वाले लोंगों द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही है। मगर जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं।विभाग द्वारा कभी कभार कारवाई कर अपनी पीठ थपथपा ली जाती है। लेकिन जो धरातल पर चल रहा है वह किसी से छिपा नहीं है।अभी बीते माह तिनफेडिया में खनन विभाग द्वारा की गई कार्रवाई पर लोगों ने सवाल खड़ा किया था।मगर कार्रवाई में भेदभाव की चर्चा आम हो गई. बहरहाल जो भी हो आज कल खनन अपने रफ्तार में है। और साहब लोग मूकदर्शक बने हुए हैं। जिसका कारण है कि सरकार के सख्ती के बाद भी दिन के उजाले में खनन सरेआम हो रहा है।जानकार तो यह भी बताते हैं कि खनन में चल रहे ट्रेक्टर ट्राली के पास कोई वैध कागजात नहीं है। और साथ ही चालक बिना लाइसेंस के ड्राइविंग कर सड़कों पर फरटा से दौड़ रहे हैं।काश: विभाग एक बार जिम्मेदारी पूर्वक कारवाई करता तो खनन करने वालों पर विराम लगता. लेकिन जिम्मेदार क्यों मौन धारण किए हैं। यह समझ से परे है। जिलाधिकारी कुशीनगर के सख्ती के बाद भी कुछ अधिकार अपनी मनमानी करने में लगे हुए हैं
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