मत्स्य विभाग कुशीनगर में रिश्वतखोरी का खुलासा, 1.40 लाख रुपये घूस लेने का आरोप

 

कुशीनगर 

कुशीनगर: सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा मामला कुशीनगर के मत्स्य विभाग कार्यालय का है, जहां एक बाबू पर दो बार में 1 लाख 40 हजार रुपये घूस लेने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित व्यक्ति अरुण कुमार राय ने मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक विमा लोहानी और मत्स्य बाबू विवेक सिंह पर 20% कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर जांच और कार्रवाई की मांग की है।

कैसे लिया गया घूस?

पीड़ित अरुण कुमार राय के अनुसार, मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने सरकारी योजना के भुगतान के बदले उनसे 20% कमीशन की मांग की। पहले उन्होंने 80 हजार रुपये नकद दिए, फिर भुगतान होने के बाद जब उन्होंने बाकी के 60 हजार रुपये दिए, तो भ्रष्टाचार छिपाने के लिए मत्स्य बाबू विवेक सिंह ने कार्यालय की लाइट बंद कर दी और सीसीटीवी कैमरा भी बंद कर दिया। हालांकि, इस दौरान की गई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग उनके पास मौजूद है, जिसमें रिश्वत मांगने की बात साफ सुनी जा सकती है।

पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से की कार्रवाई की मांग

पीड़ित ने इस मामले की शिकायत करते हुए जिलाधिकारी कुशीनगर, डिप्टी डायरेक्टर मत्स्य विभाग गोरखपुर, महानिदेशक मत्स्य विभाग लखनऊ और प्रमुख सचिव मत्स्य/पशुपालन विभाग को पत्र भेजा है। उन्होंने मांग की है कि इस भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

मत्स्य विभाग कार्यालय में रिश्वतखोरी, सरकार की योजनाओं पर सवाल

सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंचे, इसके लिए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है। लेकिन जब खुद सरकारी दफ्तरों में बैठकर अधिकारी और कर्मचारी घूसखोरी में लिप्त हों, तो आम जनता के हक की योजनाओं का क्या होगा?

क्या होगा आगे?

इस मामले के उजागर होने के बाद प्रशासन पर जांच करने का दबाव बढ़ गया है। अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो यह मत्स्य विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा कर सकता है। अब देखना यह होगा कि शासन-प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है और दोषियों पर कार्रवाई होती है या नहीं।

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