पशुपालन विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं का पशुपालक भाई जल्द उठाए लाभ

कुशीनगर 

पशुपालन विभाग की ये योजनाएं पशुपालक भाइयों के लिए है लाभकारी

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने अवगत कराया है कि पशुपालन विभाग के अंतर्गत विभिन्न योजनाएं संचालित है उनमें से कुछ निम्नांकित है। अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल बृहद गो संरक्षण केन्द्र- मा० मुख्यमंत्री जी के महत्वपूर्ण कार्यक्रम योजना के अन्तर्गत जनपद में संचालित विभिन्न गो आश्रय स्थलो मे निराश्रित  बेसहारा गोवंशो को पकडवाकर संरक्षित किया गया है तथा संरक्षित गोवंश के समुचित भरण-पोषण हेतु राज्य सरकार द्वारा धनराशि रू० 50-00 गोवंश  प्रतिदिन की दर से भुगतान होता है।मा० मुख्यमंत्री निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना-मा० मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजनान्तर्गत जनपद के पशुपालको मे सुपुर्द किये गये गोवंशो के समुचित भरण-पोषण हेतु राज्य सरकार द्वारा धनराशि रू0 50-00 गोवंश प्रतिदिन की दर से भुगतान किया जाता है।कुक्कुट विकास नीति-2022 योजना(क)-कामर्शियल लेयर फार्म की स्थापनाः- उक्त योजना के अन्तर्गत जनपद में कमशः 10000 पक्षी (दस हजार पक्षी) कामर्शियल लेयर इकाई से लेकर 100000 पक्षी एक लाख पक्षी कामर्शियल लेयर इकाई तक की योजना संचालित है, जिसमें चयनित पशुपालकों को राज्य सरकार द्वारा कुल लागत के 70 प्रतिशत धनराशि बैंक से ली गयी ऋण पर विगत पांच वर्षों में 07 प्रतिशत की दर अथवा बैंक द्वारा निर्धारित ब्याज दर (इनमें से जो भी कम हो) पर ब्याज की प्रतिपूर्ति दी जाती है।(ख) ब्रायलर पैरेन्ट फार्म की स्थापना –  इस योजना के अन्तर्गत्त 10 हजार पैरेन्ट ब्रायलर पक्षी की ईकाई स्थापना करने की योजना संचालित हैं जिसमें चयनित पशुपालकों को राज्य सरकार द्वारा कुल लागत के 70 प्रतिशत धनराशि बैक से ली गयी ऋण पर विगत पांच वर्षों में 07 प्रतिशत की दर अथवा बैंक द्वारा निर्धारित ब्याज दर (इनमें से जो भी कम हो) पर ब्याज की प्रतिपूर्ति दी जाती है।बैकयार्ड पोल्ट्री योजना-उक्त योजनान्तर्गत जनपद के अनुसूचित जाति के निर्बल वर्ग के महिलाओं को 50-50 चूजे निःशुल्क वितरित कर स्वरोजगार हेतु ईकाई स्थापित कराते हुए लाभान्वित किया जाता है।बकरी पालन योजना- इस योजनान्तर्गत जनपद के भूमिहीन, विधवा, बेसहारा, दिव्यांगों को चयनित कर 05 बकरी व 01 नर बकरा के क्रय हेतु सरकार द्वारा कुल लागत रू0 45000.00 अनुदान 90 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत लाभार्थी अंश) स्वरोजगार हेतु दिया जाता है।भेड़ पालन योजना -इस योजनान्तर्गत जनपद के नियमानुसार पात्र लाभार्थियो को 20 मादा भेड़ व 01 नर मेढ़ा योजना लागत रु० 170,000-00 अनुदान 90 प्रतिशत 10 प्रतिशत लाभार्थी अंश) स्वरोजगार हे दिया जाता है।नन्द बाबा दुग्ध मिशन अन्तर्गत मिनी नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना- इस योजनान्तर्गत वित्तीय व 2024-25 हेतु जनपद के 04 आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष 04 लाभार्थियो का ई-लाटरी के माध्यम से चयन किया गया है। चयनित पशुपालकों को उक्त योजनान्तर्गत 10 स्वदेशी नस्ल की उन्नत गाये (साहीवाल गीर, थारपारकर, हरियाणा प्रदेश के बाहर से कय किये जानी है। योजना की कुल लागत रू 23,60000-00 है जिसमें अनुदान 50 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत लाभार्थी अंश तथा 40 प्रतिशत बैंक ऋण है ।उक्त योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु पशुपालक भाई निकटतम पशु चिकित्सालय और पशु चिकित्सा अधिकारियों एवं जनपद मुख्यालय स्थित मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय विकास भवन में संपर्क कर सकते हैं।

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