कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया गन्ने मे पायरिला कीट की पहचान,क्षति के लक्षण एवं प्रबन्धन के उपाय

कुशीनगर

 जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉक्टर मेनका ने बताया कि किसान भाइयों वर्तमान समय में गन्ने के चूसक कीट पायरिला (लीफ हापर) कर प्रकोप बढ़ रहा हैं। यह एक प्रकार का पंख वाला कीट है। इसका जीवन चक तीन अवस्थाओं मे पूर्ण होता है इसके अण्डे हल्के पीले रंग के होते है जो गन्ने की पत्ती की निचली सतह पर लगभग 20 अण्डे के समूह मे पाये जाते है। निम्फ प्रारम्भ में हल्के हरे एवं वयस्क बाद में हल्के भूरे रंग के 7 से 8 मिमी० लम्बे हो जाते है जिसके मुख छेदने एवं चूसने वाले हो जाते है। इसका प्रकोप माह अप्रैल से अक्टूबर तक होता है इस कीट के निम्फ एवं वयस्क पत्ती की निचली सतह से रस चूसकर हनीड्यू का निष्कासन करते है, जिससे पत्तियों पर फफूंद का प्रकोप हो जाने से प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बहुत कम हो जाने से प्रभावित गन्ने की गुणवत्ता कम एवं शर्करा की मात्रा लगभग 35 प्रतिशत तक कम हो जाती है।

      पायरिला से बचाव हेतु निम्नवत उपाय किये जा सकते है:-

• रोपण से पहले गन्ने के सेट्स (बीज) को क्लोरपायरीफास 20 प्रति० ई०सी० का 2 मिली०/ली० पानी की दर से घोल बनाकर उपचारित करें।•कीटों की निगरानी एवं उनके संख्या के आकलन हेतु 1 लाईट ट्रैप/5 एकड़ की दर लगाए।• पायरिला के तेजी से गुणन एवं प्रसार को रोकने के लिए नाईट्रोजनयुक्त उर्वरको का विवेकपूर्ण प्रयोग करना चाहिए।•मेटारिजियम एनिसोप्लिया 107 स्पोर/ मिली० की दर से पर्णीय छिड़काव करना चाहिए। •परजीवी एपिरिक्रेनिया मेलानोल्यूका को 8 से 10 लाख अण्डे प्रति०/ हे० दर से गन्ने के खेत में छोड़े।3 से 5 कीट प्रति पत्ती या एक अण्डा दिखाई देने पर क्लोरपायरीफास 20 प्रति० ई०सी० 600 मिली० मात्रा को 300 से 350 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें अथवा क्यूनालफास 25 प्रति० ई०सी० की 480 मिली० मात्रा को 250 से 300 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के दर से छिड़काव करें। फसलों में लगने वाले कीट / रोग एवं खरपतवार की समस्या के निवारण हेतु किसान साथी वाट्सएप न० 9452247111 अथवा 9452257111 पर प्रभावित पौधों की फोटो सहित अपनी समस्या और पूरा पता लिखकर प्रेषित करें। समस्या का निराकरण 48 घंटे में किसान के मोबाइल पर कर दिया जायेगा।

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