कुशीनगर जनपद में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर के तत्वाधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसका शुभारम्भ सुशील कुमार शशि, जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर, गुलाब सिंह-।।, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, मोहम्मद रिजवान अहमद, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं० 1 नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत एवं रितेश कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, कुशीनगर के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर अनुरोध मिश्र, पीठासीन अधिकारी, मोटर वाहन दुर्घटना क्षतिपूर्ति न्यायाधिकरण, इफराक अहमद, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं०-2, आनन्द प्रकाश-।।।, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं०-3, अंगद प्रसाद-।।, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत, परमेश्वर प्रसाद, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ।एफ०टी०सी०-।, मोहम्मद आजाद, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर, सत्यपाल सिंह प्रेमी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफ०टी०सी०-।।, दिनेश कुमार-II, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट, विजय कुमार वर्मा-II मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, रामेश्वर दयाल, सिविल जज (एस०डी०), प्रभात सिंह, सिविल जज (एस0डी0)/एफ०टी०सी०, अजीत कुमार मिश्र, सिविल जज (जू०डि०), शान्तनु तनवर, न्यायिक मजिस्ट्रेट, सुनन्दन गोयल, सिविल जज (जू०डि०) न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय, हाटा, एवं गीता त्रिपाठी सदस्य, स्थायी लोक अदालत, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोरख प्रसाद यादव, जिला शासकीय अधिवक्ता सिविल रमेश कुमार राय एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के०के० पाण्डेय, महेन्द्र प्रताप गोविन्द राव, उपेन्द्र कुमार पाठक, सुनील कुमार मिश्र, संजय कुमार तिवारी, फूलबदन, अजय कुमार गुप्ता, नरेन्द्र कुमार मिश्र मुख्य विधिक सहायता बचाव अधिवक्ता, प्रवीण कुमार दूबे उप विधिक सहायता बचाव अधिवक्ता, कमर जहाँ सहायक विधिक सहायता बचाव अधिवक्ता तथा कर्मचारीगण राधेश्याम प्रसाद, फणीन्द्र मिश्र, करूणेश सेन्ट्रल नाजीर, कुलदीप डिप्टी नाजीर, संजय आदि एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर के कर्मचारीगण राजकुमार वर्मा, प्रदीप झा, विजय कुमार मिश्र, अमरनाथ यादव, रविन्द्र नाथ, मारकण्डेय यादव, उपेन्द्र यादव, सुमन आदि सहित काफी संख्या में अधिवक्ता तथा वादकारीगण उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आये हुए व्यक्तियों को पैरा लीगल वालंटियर संजय कुमार शाही, इकबाल अंसारी, अनिल चौहान, दिनेश यादव, सुधीर यादव, अमिताब श्रीवास्तव, एनुल्लाह शेख, मुस्तफा अंसारी, जयप्रकाश प्रजापति, धनन्जय सिंह, बसन्त यादव, रिंकू शाही, मिकार्इल अंसारी, बसन्त लाल यादव द्वारा विधिक सहायता प्रदान किया गया।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों द्वारा आज दिनांक 10.05.2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत में 108083 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें फौजदारी के 8664 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें जुर्माने के रूप में रूपया-57610=00 की धनराशि वसूल कर राजकीय कोष में जमा करायी गयी। राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित 27 क्लेम वादों का निस्तारण करते हुए मृतकों एवं घायलों के आश्रितों को रू0-16895000=00 मुआवजा दिलवाया गया। पारिवारिक न्यायालयों द्वारा 50 वादों का निस्तारण करते हुए 06 जोड़ों (पति-पत्नी) को एक साथ विदा किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक ऋण से सम्बन्धित वादों का प्री-लिटिगेशन स्तर पर बैंको द्वारा कुल 1040 बैंक ऋण वादों का निस्तारण करते हुए रू0-90472319=00 टोकन मनी के रूप में ऋण धारियों से वसूल की गयी तथा 751 राजस्व वादों का निस्तारण किया गया।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में पारिवारिक वादों के कुल 06 मामलों में सुलह कराकर पति-पत्नी को एक साथ न्यायालय परिसर से विदा कराया गया। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय कुशीनगर से 04 मामले सबीना खातून बनाम मुहम्मद सैफ, देवचन्द्र प्रजापति बनाम पुष्पा प्रजापति, चाँदनी खातून बनाम फिरोज, निधि बनाम मनोज गोंड़, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय से सत्यप्रकाश सिंह बनाम संध्या सिंह तथा प्रीलिटिगेशन स्तर पर 01 मामला अनिल कुमार बनाम मीना देवी के मामलों में सफल निपटान करार किया गया। कुल 06 जोड़ों ने सुशील कुमार शशि जनपद न्यायाधीश, गुलाब सिंह प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, मोहम्मद रिजवान अहमद, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत एवं मोहम्मद आजाद अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय कुशीनगर की उपस्थिति में पति-पत्नी एक-दूसरे को माला पहनाये उक्त सभी अधिकारीगण द्वारा सभी जोड़ों को मिठार्इ खिलाकर शुभकामनाआें सहित विदा किया गया।
इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 108083 वादों का निस्तारण किया गया।