मंडल प्रभारी मनोज कुमार पाण्डेय की रिपोर्ट
दुदही नगर पंचायत में गुंडागर्दी कर की जा रही अवैध वसूली, चालकों में रोष
कुशीनगर, 29 जनवरी – कुशीनगर जनपद के दुदही नगर पंचायत में बीते दो दिनों से वाहन चालकों के लिए हालात बेहद कठिन हो गए हैं। वाहन चालकों का आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्व नगर पंचायत के इशारे पर जबरन वसूली कर रहे हैं। इन असामाजिक तत्वों द्वारा वाहन चालकों से ₹30 प्रति वाहन की जबरन वसूली की जा रही है, जिससे चालकों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
वाहन चालकों ने बताया कि जो भी इस अवैध वसूली का विरोध कर रहा है, उसे डराया-धमकाया जा रहा है और मारपीट तक की नौबत आ रही है। चालकों का कहना है कि यह वसूली पूरी तरह अवैध और गुंडागर्दी का नतीजा है, जिसे नगर पंचायत का मौन समर्थन प्राप्त है।
पुराने ठेकेदार को दी गई दो माह की अनुमति
इस मुद्दे पर जब दुदही नगर पंचायत के लिपिक से फोन पर बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश के तहत यह वसूली पहले से लंबित थी और इसे दो महीने के लिए पुराने ठेकेदार को सौंपा गया है। हालांकि, स्थानीय नागरिकों और वाहन चालकों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया अपारदर्शी है और नियमों को ताक पर रखकर की जा रही है।
बिना टेंडर के वसूली पर उठे सवाल
वाहन चालकों और स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए हैं कि जब कोई भी ठेका नगर पंचायत द्वारा सार्वजनिक टेंडर के माध्यम से दिया जाता है, तो इस मामले में ठेकेदार को बिना टेंडर के कैसे दोबारा वसूली की अनुमति दी गई? यह स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार और मनमानी का संकेत देता है।
विकास कार्यों के पैसे से हो रहा है नाच-गाना, गरीबों पर पड़ रहा असर
कुछ स्थानीय लोगों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि नगर पंचायत के कुछ जिम्मेदार राजनेताओं द्वारा विकास कार्यों के लिए मिले धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन पैसों को जनकल्याण में लगाने के बजाय महंगे कार्यक्रमों, नाच-गाने और निजी आयोजनों में खर्च किया जा रहा है। इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है, और अब गरीब वाहन चालकों से जबरन वसूली कर इसकी भरपाई की जा रही है।
आक्रोशित चालकों ने जताया विरोध, कार्रवाई की मांग
इस जबरन वसूली से नाराज वाहन चालकों ने प्रशासन से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। चालकों का कहना है कि अगर यह अवैध वसूली जल्द नहीं रोकी गई तो वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
प्रशासन की चुप्पी, बढ़ सकती है समस्या
अब तक स्थानीय प्रशासन ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे वाहन चालकों और आम जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यदि जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं हुई तो यह मामला और भी गंभीर रूप ले सकता है और बड़े आंदोलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है और वाहन चालकों को इस जबरन वसूली से कब राहत मिलेगी।