कुशीनगर
अटल, एकलव्य, आक्सी, शौर्य, त्रिवेणी, एकता आदि विशिष्ट प्रकार के वन स्थापित कराए जाएं
मियावाकी पद्धति से कराए पौधारोपण
17 सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में करें कार्य
हरियाली अभियान चलाकर गांवों में हरिशंकरी वृक्षारोपण करें, ताकि गांवों में फिर लौटे “चौपाल संस्कृति”:-डीएम
प्रशासनिक अभियान न अपितु जनसहयोग से बनाए सामाजिक अभियान:-डीएम
कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में वृक्षारोपण, जिला गंगा समिति एवं जिला पर्यावरण समिति की कल देर सायं बैठक की गई।
बैठक दौरान प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा वर्षा काल 2025-26 हेतु वृक्षारोपण स्थल की कार्यवाही, 2024 वर्षा काल में आरोपित किए गए पौधों की जीवितता प्रतिशत रिपोर्ट, उनकी सुरक्षा हेतु तार फेंसिंग, आयरन ट्री गार्ड, बंबू ट्री गार्ड, वृक्षारोपण कार्यक्रम के अंतर्गत रोपित किए गए पौधों, बनाए गए स्मृति वनों, आयुष वनों, मित्र वन, कुश वन आदि की जानकारी दी गई। जिलाधिकारी ने समस्त संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि चिन्हित वृक्षारोपण स्थलों पर इस वर्ष *अटल वन, एकलव्य वन, आक्सी वन, शौर्य वन, त्रिवेणी वन, एकता वन आदि विशिष्ट प्रकार के वन स्थापित कराए जाएं। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही परिलक्षित न हों, सभी अधिकारी इसका विशेष ध्यान रखें।
जिला गंगा समिति की बैठक के दौरान वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत हरियाली अभियान चलाकर राजस्व ग्रामों में हरिशंकरी (बरगद, पीपल एवम पाकड़) वृक्षारोपण करें जिससे कि गांवों में फिर से “चौपाल संस्कृति” लौट सकें। जिलाधिकारी वर्षाकाल 2025-26 में विभागों द्वारा कराये जाने वाले वृक्षारोपण हेतु वृक्षारोपण लक्ष्य 3742760 पौध एवं उसकी कार्ययोंजना, स्थल चयन, गढ्ढा खुदान की प्रगति रिपोर्ट एवं वर्ष 2024-25 में रोपित पौधों की सुरक्षा, देख-रेख, जीवितता प्रतिशत एवं रोपित पौधों की जियोटैग के सम्बन्ध में बैठक में यथा आवश्यक निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि ग्राम आर्द्र भूमि समिति, जिला पर्यावरण समिति का गठन शीघ्र कर लिया जाए* ।विभाग बड़े बड़े पैच में स्थलों को चयन कर पौधरोपण का कार्य कराए। इस वर्ष *मियावाकी पद्धति से पौधारोपण कराए* इससे पौधों किं जीवितता प्रतिशत भी ज्यादा रहती है। जियो टैग हर विभाग के लिए अनिवार्य है। वृक्षारोपण अभियान को प्रशासनिक अभियान न अपितु जनसहयोग से सामाजिक अभियान बनाए। उन्होंने समस्य जनपद वासियों से एक पेड़ मां के नाम लगाने तथा उसे संरक्षित करने का आवाह्न भी किया।
इस अवसर पर पर्यावरण को स्वच्छ, सुंदर बनाने तथा वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लान के अंतर्गत जल को स्वच्छ एवं रिसाइकल कर रियूज करने के दृष्टिकोण से डॉक्टर उमर की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। डॉ उमर ने कहा कि आगामी कुछ महीनों में हम सभी मिलकर कुशीनगर में वाटर रिसाइकलिंग तथा सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करेंगे। ये 17 वैश्विक लक्ष्य हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक प्राप्त करने के लिए निर्धारित किया है। ये लक्ष्य गरीबी, भुखमरी, असमानता, स्वास्थ्य, शिक्षा, और पर्यावरण की रक्षा, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, उद्योग, नवाचार, भूमि आधारित पारिस्थितिक तंत्रों का संरक्षण जैसे मुद्दों को संबोधित करते हैं।भारत में जितनी भी योजनाएं बनती है वह इन्हीं लक्ष्यों के परिप्रेक्ष्य में बनती है। इन्हीं लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में सुनियोजित माइक्रोप्लान पर हमारी कार्ययोजना आधारित है। बारी बारी से नीति आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सुनियोजित रूप से कार्य भी करेंगे। सभी विभागीय अधिकारी इसमें अपना अभूतपूर्व योगदान भी देंगे।
बैठक दौरान मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी, एडीएम वित्त एवं राजस्व वैभव मिश्रा, प्रभागीय वन अधिकारी वरुण सिंह, जिला अर्थ संख्या अधिकारी श्रवण कुमार सिंह, डीसी मनरेगा राकेश, जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी, सभी नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी, सभी खंड विकास अधिकारी गण, एवं अन्य संबंधित अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।