अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,द्वारा किया गया राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर), गोरखपुर का निरीक्षण।

कुशीनगर

 

अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर द्वारा आज राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर), गोरखपुर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय बताया गया कि बाल सम्प्रेक्षण गृह, गोरखपुर में कुल 277 बाल अपचारी निवासरत है, जिसमें से कुशीनगर के अपचारी किशोरों की संख्या 34 है। उनके स्टाफ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि कुल 21 स्टाफ वर्तमान में कार्यरत है। मो० मोनिस अन्वेषक, लालचन्द्र केयर टेकर, यमुनाधर केयर टेकर,  अवधनारायण त्रिपाठी केयर टेकर, संतोष कुमार गौंड़ केयर टेकर, अक्षयबर सिंह यादव केयर टेकर,  चन्द्रिका प्रसाद केयर टेकर,  रामजतन चतुर्थ श्रेणी,  हरिराम चतुर्थ श्रेणी, श्रीमती गीता दूबे चतुर्थ श्रेणी, श्रीमती शबनम चतुर्थ श्रेणी, दुर्गेश्वर राय अध्यापक (बेसिक शिक्षा विभाग से सम्बद्घ), संजय कुमार चतुर्थ श्रेणी (सेवाप्रदाता द्वारा),अमित कुमार पाण्डेय चतुर्थ श्रेणी (सेवाप्रदाता द्वारा), दिलीप कुमार श्रीवास्तव चतुर्थ श्रेणी (सेवाप्रदाता द्वारा), रामपूजन पाण्डेय रसोर्इया (सेवाप्रदाता द्वारा), महेन्द्र प्रताप सिंह रसोर्इया (सेवाप्रदाता द्वारा), सोनू मांझी रसोर्इया (सेवाप्रदाता द्वारा),दीपक सफार्इकर्मी (सेवाप्रदाता द्वारा), श्रीमती इन्द्रावती देवी सफार्इकर्मी (सेवाप्रदाता द्वारा) उपस्थित मिले।राजकीय बाल सम्प्रेक्षण गृह (किशोर), गोरखपुर में स्थित सभी कक्षों का क्षेत्रफल निवासरत बच्चों की संख्या के अनुपात में अत्यन्त छोटा है। साथ ही साथ कक्षों में उचित प्रकाश तथा हवा की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण बच्चों को सोने आदि में अत्यन्त परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रभारी सहायक अधीक्षक को आदेशित किया गया कि वह इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी, गोरखपुर से पत्राचार करें कि वह बाल सम्प्रेक्षण गृह हेतु किसी अन्य जगह जो बड़ी व खुली हो, को चिन्हित कर बाल सम्प्रेक्षण गृह अन्तरित किये जाने हेतु उचित कार्यवाही अमल में लाये। बच्चों के द्वारा यह भी बताया गया कि कपड़े सुखाने के लिए सम्प्रेक्षण गृह में कोई भी व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण बच्चे अपने कमरे में कपड़े सुखाने के लिए विवश हैं। चूँकि कपड़े धूप में नहीं सूख पा रहे हैं। इसलिए बच्चों में त्वचा सम्बन्धी रोग होने की संभावना बनी रहती हैं।अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर द्वारा जनपद कुशीनगर से सम्बन्धित बच्चों को बताया गया कि अगर किसी को निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो वह अपना प्रार्थना-पत्र प्रभारी सहायक अधीक्षक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर को प्रेषित कर सकता है। खाने के सम्बन्ध में पूछने पर बताया गया कि सुबह नाश्ते में पराठा, सास, दूध, चाय, संतरा एवं दोपहर भोजन में चावल, दाल, साग, रोटी आैर सलाद दी जाती है। भोजन की गुणवत्ता व स्टाॅफ के व्यवहार के बारे में पूछने पर बच्चों द्वारा किसी प्रकार की शिकायत नहीं की गयी।अधीक्षक को आदेशित किया गया कि बच्चों को उचित क्वालिटी तथा क्वान्टिटी का भोजन उपलब्ध कराये ताकि उनका समग्र विकास हो सके। साथ ही साथ यह भी आदेशित किया गया कि अपने स्टाॅफ को सख्ती से आदेशित करें कि वे बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करें। साथ ही अधीक्षक को आदेशित किया गया कि परिसर एवं लैट्रीन, बाथरूम की उचित साफ-सफार्इ नियमित रूप से अपने देख-रेख में कराये एवं परिसर के अन्दर डस्टबिन की व्यवस्था करवायें, जिससे बच्चे डस्टबिन का प्रयोग करें और परिसर में साफ-सफाई रह सके, साथ ही बाथरूम में हाथ धोने तथा पोछने के लिए साबुन, तौलियाँ इत्यादि की उचित व्यवस्था करायें। सम्प्रेक्षण गृह में जनपद कुशीनगर के कुल 34 बाल अपचारी निरूद्घ हैं। बाल सम्प्रेक्षण गृह में कुल 277 बाल अपचारी निरुद्घ है, जो बाल सम्प्रेक्षण गृह की क्षमता से अधिक है, क्योंकि यहाँ पर कर्इ जनपदों के बाल अपचारी का क्षेत्राधिकार है। प्रभारी सहायक अधीक्षक को आदेशित किया गया कि वह इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी, गोरखपुर से पत्राचार करें कि वह बाल सम्प्रेक्षण गृह हेतु किसी अन्य जगह जो बड़ी व खुली हो, को चिन्हित कर बाल सम्प्रेक्षण गृह को अन्तरित किये जाने हेतु उचित कार्यवाही अमल में लायें।

Sharing Is Caring:

Leave a Comment

×