कुशीनगर
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वैभव मिश्रा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में समस्त विभागों के विभागीय अधिकारी, विभागाध्यक्ष और कंप्यूटर ऑपरेटर की उपस्थिति में आईजीआरएस के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण एवं शिकायतकर्ता के शिकायत के निस्तारण के पश्चात प्राप्त फीडबैक को पोर्टल पर दर्ज करने से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने समस्त विभागीय अधिकारी को बताया कि आईजीआरएस के माध्यम से प्राप्त शिकायत का गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण होना चाहिए तत्पश्चात शिकायतकर्ता को निस्तारण से अवगत कराए तथा उनका फीडबैक भी प्राप्त करें । दर्ज फीडबैक आईजीआरएस के पोर्टल पर दिखेगी एवं उनके आधार पर जनपद की रैंकिंग भी निर्धारित की जाएगी ।
उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्वक निस्तारण हेतु निम्न बिंदुओं का होना महत्त्वपूर्ण है
आवेदक से पूर्व में वार्ता की जाए। शिकायतकर्ता को पूर्व में सूचित कर समय एवं दिनांक दिया जाए। शिकायतकर्ता प्रतिनिधि की मौजूदगी में शिकायत का निस्तारण किया जाए। यदि शिकायतकर्ता प्रतिनिधि मौजूद ना हो तो दो गवाहों के नाम, पता एवं मोबाइल नंबर व हस्ताक्षर, आख्या पर अवश्य करा सकते है।आख्या के साथ स्पॉट मेमो फोटो समय एवं दिनांक सहित संलग्न करे। आख्या की गुणवत्तापरक निस्तारण हेतु नियत तिथि से 5 दिन पहले आख्या अपलोड कर सकते हैं।भूमि विवाद अथवा भूमि की पैमाइश के प्रकरणों को तहसील या थाना समाधान दिवस में दर्ज़ कर राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम गठित कर निस्तारण किया जाये। जिन प्रकरणों में आवेदक द्वारा असंतोषजनक फीडबैक दिया गया हो तो आवेदक से वार्ता कर सकते है । स्थलीय निरीक्षण पर उनके बयान सहित अंतिम आख्या अपलोड की जाए, किसी भी दशा में पुरानी आख्या को पुनः अपलोड कर संदर्भ को निस्तारित करने के प्रयास न किए जाये।
निस्तारणकर्ता द्वारा शिकायतकर्ता से सम्पर्क किये जाने के सम्बन्ध में
जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण हेतु सर्वप्रथम शिकायत के सम्बन्ध में शिकायतकर्ता से सम्पर्क स्थापित कर फीडबैक लिया जाना अनिवार्य है। मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट में बिन्दु संख्या 11 जोड़ा गया है, जिसमें निस्तारणकर्ता द्वारा आवेदक से सम्पर्क किये जाने की रिपोर्ट के आधार पर ही अंक प्रदान किये जा रहे है।• समस्त तहसील स्तर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों में आवेदक से सम्पर्क किये जाने व स्थलीय निरीक्षण किये जाने का विवरण भरने हेतु विकल्प दिये गये है, उसमें विवरण अंकित कर एवं आख्या संलग्न कर ही शिकायत निस्तारित किया जायें।• समस्त कार्यालय में प्राप्त होने वाली शिकायतों में आवेदक से सम्पर्क स्थलीय निरीक्षण कर उसका विवरण अंकित कर निर्धारित आख्या प्रारूप पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए।• समस्त संदर्भ मा० मुख्यमंत्री संदर्भ, जिलाधिकारी संदर्भ, ऑनलाईन संदर्भ, मा०मुख्यमंत्री हेल्पलाईन संदर्भ व अन्य में यदि आवेदक से सम्पर्क नहीं किया गया है, तो उसका विवरण शासन की मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट में प्रदर्शित हो रहा है, तो यह अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।फीडबैक की स्थिति में अंको की गणना हेतु उच्चाधिकारी द्वारा स्पेशल क्लोज किये गये असंतुष्ट फीडबैक को कुल असंतुष्ट फीडबैक में से घटाया नहीं जायेगा अर्थात् जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त होने वाले समस्त फीडबैकों में केवल संतुष्ट फीडबैकों के प्रतिशत के आधार पर अंक प्रदान किये जायेंगे। बिन्दु सं0 11 में ” सम्बन्धित अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता से सम्पर्क किया गया अथवा नहीं, इसके आधार पर भी अंक प्रदान किये जायेंगे” अर्थात् सभी शिकायतों में शिकायतकर्ता से सम्पर्क किया जाना व उसका विवरण पोर्टल पर (आख्या लगाने के समय) अंकित किया जाना अनिवार्य है।